भार्गवाचार्य की वंश परंपरा: Difference between revisions
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भार्गव धनुर्विद्या के प्रसिद्ध आचार्य थे। जिनकी शिष्य परंपरा में कौरवों और पांडवों के गुरु द्रोणाचार्य हुए थे। उन भार्गवाचार्य की शिष्यपरंपरा निम्न प्रकार है।–इनका प्रथम शिष्य आत्रेय था। फिर क्रम से कौथुमि-अमरावर्त-सित-वामदेव-कपिष्टल-जगत्स्थामा, सरवर-शरासन-रावण-विद्रावण और विद्रावण का पुत्र द्रोणाचार्य था जो समस्त भार्गव वंशियों के द्वारा वंदित था। उसका पुत्र अश्वत्थामा था। ( हरिवंशपुराण/45/43-48 )।