महाराष्ट्र: Difference between revisions
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कृष्णानदी से नर्मदा नदी तक का क्षेत्र (<span class="GRef"> महापुराण/ </span>प्र.49/पं. पन्नालाल)। | कृष्णानदी से नर्मदा नदी तक का क्षेत्र (<span class="GRef"> महापुराण/ </span>प्र.49/पं. पन्नालाल)। | ||
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<p> जंबूद्वीप के पूर्व विदेहक्षेत्र में वत्सकावती देश के पृथिवीनगर का राजा और जयसेन का साला । यह राजा जयसेन के साथ दीक्षित हो गया था । अंत में यह समाधिपूर्वक मरकर अच्युत स्वर्ग में मणिकेतु नामक देव हुआ । <span class="GRef"> महापुराण 48. 58-59, 67, 69 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> जंबूद्वीप के पूर्व विदेहक्षेत्र में वत्सकावती देश के पृथिवीनगर का राजा और जयसेन का साला । यह राजा जयसेन के साथ दीक्षित हो गया था । अंत में यह समाधिपूर्वक मरकर अच्युत स्वर्ग में मणिकेतु नामक देव हुआ । <span class="GRef"> महापुराण 48. 58-59, 67, 69 </span></p> | ||
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Revision as of 16:56, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
कृष्णानदी से नर्मदा नदी तक का क्षेत्र ( महापुराण/ प्र.49/पं. पन्नालाल)।
पुराणकोष से
जंबूद्वीप के पूर्व विदेहक्षेत्र में वत्सकावती देश के पृथिवीनगर का राजा और जयसेन का साला । यह राजा जयसेन के साथ दीक्षित हो गया था । अंत में यह समाधिपूर्वक मरकर अच्युत स्वर्ग में मणिकेतु नामक देव हुआ । महापुराण 48. 58-59, 67, 69