शून्य: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
mNo edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
1. सर्व द्रव्यों का अभाव शून्य दोष कहलाता है। (<span class="GRef"> पंचाध्यायी / पूर्वार्ध/94,613 </span>); 2. जीव को कथंचित् शून्य कहना - देखें [[ जीव#1.3 | जीव - 1.3]], 3. साध्य साधन व उभय विकल दृष्टांत - देखें [[ दृष्टांत ]]। | 1. सर्व द्रव्यों का अभाव शून्य दोष कहलाता है। (<span class="GRef"> पंचाध्यायी / पूर्वार्ध/94,613 </span>); <br> | ||
2. जीव को कथंचित् शून्य कहना - देखें [[ जीव#1.3 | जीव - 1.3]],<br> | |||
3. साध्य साधन व उभय विकल दृष्टांत - देखें [[ दृष्टांत ]]। | |||
<noinclude> | <noinclude> |