सुभीम: Difference between revisions
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राक्षसों का इंद्र। इसने सगर चक्रवर्ती के प्रतिद्वंदी के पुत्र मेघवाहन को अजितनाथ भगवान् के समवसरण में अभयदानार्थ लंका का राज्य दिया था। (<span class="GRef"> पद्मपुराण/5/160 </span>)। | राक्षसों का इंद्र। इसने सगर चक्रवर्ती के प्रतिद्वंदी के पुत्र मेघवाहन को अजितनाथ भगवान् के समवसरण में अभयदानार्थ लंका का राज्य दिया था। (<span class="GRef"> पद्मपुराण/5/160 </span>)। | ||
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<p id="1">(1) राजा धृतराष्ट्र और रानी गांधारी का दसवाँ पुत्र । <span class="GRef"> पांडवपुराण 8.194 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1">(1) राजा धृतराष्ट्र और रानी गांधारी का दसवाँ पुत्र । <span class="GRef"> पांडवपुराण 8.194 </span></p> | ||
<p id="2">(2) राक्षसों का इंद्र । इनमें सगर चक्रवर्ती के प्रतिद्वंदी मेघवाहन को तीर्थंकर अजितनाथ के समवसरण में अभयदान देकर लंका का राज्य दिया था । <span class="GRef"> पांडवपुराण 5.149, 158-160 </span></p> | <p id="2">(2) राक्षसों का इंद्र । इनमें सगर चक्रवर्ती के प्रतिद्वंदी मेघवाहन को तीर्थंकर अजितनाथ के समवसरण में अभयदान देकर लंका का राज्य दिया था । <span class="GRef"> पांडवपुराण 5.149, 158-160 </span></p> | ||
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Revision as of 16:59, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
राक्षसों का इंद्र। इसने सगर चक्रवर्ती के प्रतिद्वंदी के पुत्र मेघवाहन को अजितनाथ भगवान् के समवसरण में अभयदानार्थ लंका का राज्य दिया था। ( पद्मपुराण/5/160 )।
पुराणकोष से
(1) राजा धृतराष्ट्र और रानी गांधारी का दसवाँ पुत्र । पांडवपुराण 8.194
(2) राक्षसों का इंद्र । इनमें सगर चक्रवर्ती के प्रतिद्वंदी मेघवाहन को तीर्थंकर अजितनाथ के समवसरण में अभयदान देकर लंका का राज्य दिया था । पांडवपुराण 5.149, 158-160