अणुव्रत: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
ShrutiJain (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 25: | Line 25: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: अ]] | [[Category: अ]] | ||
[[Category: चरणानुयोग]] |
Revision as of 23:01, 30 July 2022
सिद्धांतकोष से
- देखें व्रत ।
पुराणकोष से
गृहस्थ दशा में पाँच महाव्रतों का एकदेश पालन करना । अणुव्रत पाँच हैं― हिंसाणुव्रत, सत्याणुव्रत, अचौर्याणुव्रत, ब्रह्मचर्याणुव्रत और इच्छापरमाणुव्रत । इन पांचों की पांच-पांच भावनाएँ तथा अतिचार भी होते हैं । जो गृहस्थ भावनाओं के साथ इनका पालन नियतिचार करते हैं वे सम्यग्दर्शन की विशुद्धि पूर्वक परंपरा से मोक्ष पाते हैं । महापुराण 10.163-164,39.4, पद्मपुराण 11.38-39, 85. 18, हरिवंशपुराण 18.46, 58.116, 138-142, 163-176