अनिरुद्य: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> | <div class="HindiText"> प्रद्युम्न का पुत्र । यह जांबवती के पुत्र (शंभव) के साथ संयमी हुआ था । दोनों प्रद्युम्न मुनि के साथ ऊर्जयंत (गिरनार) पर्वत पर प्रतिमायोग से कर्म-विनाश कर मोक्षगामी हुए । <span class="GRef"> महापुराण 72. 189-191 </span>यौवन काल में विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी के श्रुतशोणित नगर के राजा बाण की पुत्री उषा इसे अपना पति बनाना चाहती थी । उसकी कोई सखी इसके मनोगत भावों को जानकर इसे विद्याधर लोक में ले गयी, वहाँ उसने इसका कंकण बंधन करा दिया । इधर इसके हरण किये जाने के समाचार जानकर श्रीकृष्ण, बलदेव, शंब और प्रद्युम्न आदि राजा बाण की नगरी पहुँचे और बाण को जीतकर उषा सहित इसे वापिस अपने नगर लाये थे । इसका अपर नाम अनंगशरीरज था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 55.16-27 </span></p> | ||
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Revision as of 21:21, 11 September 2023
प्रद्युम्न का पुत्र । यह जांबवती के पुत्र (शंभव) के साथ संयमी हुआ था । दोनों प्रद्युम्न मुनि के साथ ऊर्जयंत (गिरनार) पर्वत पर प्रतिमायोग से कर्म-विनाश कर मोक्षगामी हुए । महापुराण 72. 189-191 यौवन काल में विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी के श्रुतशोणित नगर के राजा बाण की पुत्री उषा इसे अपना पति बनाना चाहती थी । उसकी कोई सखी इसके मनोगत भावों को जानकर इसे विद्याधर लोक में ले गयी, वहाँ उसने इसका कंकण बंधन करा दिया । इधर इसके हरण किये जाने के समाचार जानकर श्रीकृष्ण, बलदेव, शंब और प्रद्युम्न आदि राजा बाण की नगरी पहुँचे और बाण को जीतकर उषा सहित इसे वापिस अपने नगर लाये थे । इसका अपर नाम अनंगशरीरज था । हरिवंशपुराण 55.16-27