अमरप्रभ: Difference between revisions
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Revision as of 18:02, 23 August 2022
सिद्धांतकोष से
यह वानर वंशका संस्थापक वानरवंशी राजा था। देखें इतिहास - 9.13।
पुराणकोष से
राजा रविप्रभ का पुत्र, किष्कुपुर का राजा । इसने त्रिकुटेंद्र की पुत्री गुणवती को विवाहा था । विवाह-मंडप में चित्रित वानराकृतियों को देख गुणवती के भयभीत होने से उन आकृतियों पर प्रथम तो इसने क्रोध किया पश्चात् मंत्री द्वारा समझाये जाने पर उन आकृतियों को आदर देने की दृष्टि से मुकुट के अग्रभाग में, ध्वजाओं में, महलों और तोरणों के अग्रभाग में अंकित कराया था । इसने विजयार्ध की दोनों श्रेणियों पर विजय प्राप्त की थी । अंत में इसने अपने पुत्र कपितकेतु को राज्य सौंपकर वैराग्य धारण कर लिया था । पद्मपुराण 2.160-200