कल्पवन: Difference between revisions
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< | <span class="HindiText">समवसरण-भूमि में दूसरे कोट के भीतर धूपघटों के बाद की वीथियों में स्थित दैदीप्यमान वन । इसमें कल्पवृक्ष होते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 22.243-247 </span> | ||
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Revision as of 17:05, 21 July 2022
समवसरण-भूमि में दूसरे कोट के भीतर धूपघटों के बाद की वीथियों में स्थित दैदीप्यमान वन । इसमें कल्पवृक्ष होते हैं । महापुराण 22.243-247