कोशातकी: Difference between revisions
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Revision as of 17:16, 28 July 2022
एक फल-कड़वी तूंबी । अमृतरसायन नामक रसोइया ने द्वेष वश इसी फल को खिलाकर सुधर्म मुनिराज को मार डाला था । महापुराण 71.270-275