क्षायिकभाव: Difference between revisions
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Revision as of 15:05, 2 August 2022
कर्मों के नष्ट हो जाने पर जीव के उत्पन्न भाव । इनके सद्भाव में आत्मा इन्हीं में शाश्वत तन्मय रहता है । महापुराण 54.155