जिनशासन: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> जिनागम द्वारा निरूपित शासन । यह सम्यक्त्व का प्रतिपादक है । नय और प्रमाण से सिद्ध होने से अजेय हे और कर्मनाश के द्वारा मोक्ष का साधक है । <span class="GRef"> महापुराण 1.3, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 65.51 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> जिनागम द्वारा निरूपित शासन । यह सम्यक्त्व का प्रतिपादक है । नय और प्रमाण से सिद्ध होने से अजेय हे और कर्मनाश के द्वारा मोक्ष का साधक है । <span class="GRef"> महापुराण 1.3, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_65#51|हरिवंशपुराण - 65.51]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:10, 27 November 2023
जिनागम द्वारा निरूपित शासन । यह सम्यक्त्व का प्रतिपादक है । नय और प्रमाण से सिद्ध होने से अजेय हे और कर्मनाश के द्वारा मोक्ष का साधक है । महापुराण 1.3, हरिवंशपुराण - 65.51