दर्शनक्रिया: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> कर्मबंध में करणभूत एक क्रिया । इसमें जीव राग वश सुंदर रूप देखना चाहता है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 58. 69 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> कर्मबंध में करणभूत एक क्रिया । इसमें जीव राग वश सुंदर रूप देखना चाहता है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_58#69|हरिवंशपुराण - 58.69]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:10, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
देखें क्रिया - 3.2।
पुराणकोष से
कर्मबंध में करणभूत एक क्रिया । इसमें जीव राग वश सुंदर रूप देखना चाहता है । हरिवंशपुराण - 58.69