दुग्धवारिधि: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> क्षीरसागर । इंद्र इसी समुद्र ने तीर्थंकरों द्वारा लुंचित केशराशि का क्षेपण करते हैं । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 2.53 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> क्षीरसागर । इंद्र इसी समुद्र ने तीर्थंकरों द्वारा लुंचित केशराशि का क्षेपण करते हैं । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_2#53|हरिवंशपुराण - 2.53]] </span></p> | ||
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Revision as of 15:10, 27 November 2023
क्षीरसागर । इंद्र इसी समुद्र ने तीर्थंकरों द्वारा लुंचित केशराशि का क्षेपण करते हैं । हरिवंशपुराण - 2.53