नैगम: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) एक देव । इसने शुद्ध भावों से दभसिन पर बैठकर अष्टापवासपूर्वक मंत्र का सविधि जाप करते हुए कृष्ण से कहा था कि वह | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) एक देव । इसने शुद्ध भावों से दभसिन पर बैठकर अष्टापवासपूर्वक मंत्र का सविधि जाप करते हुए कृष्ण से कहा था कि वह घोड़े के रूप में आयेगा तब वे उस पर सवार होकर समुद्र के भीतर बारह योजन तक चले जावे, वहाँ सुंदर नगर बन जावेगा । कृष्ण इसकी सहायता से समुद्र में पहुँच गये थे । वहीं पर कुबेर ने इनके लिए द्वारावती नगरी की रचना की थी । <span class="GRef"> महापुराण 71. 19-28 </span></p> | ||
<p id="2">(2) व्यापारी । ये विलास-वैभव संबंधी वस्तुओं को बेचते थे । <span class="GRef"> महापुराण 16.247 </span></p> | <p id="2">(2) व्यापारी । ये विलास-वैभव संबंधी वस्तुओं को बेचते थे । <span class="GRef"> महापुराण 16.247 </span></p> | ||
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Revision as of 23:10, 2 November 2022
(1) एक देव । इसने शुद्ध भावों से दभसिन पर बैठकर अष्टापवासपूर्वक मंत्र का सविधि जाप करते हुए कृष्ण से कहा था कि वह घोड़े के रूप में आयेगा तब वे उस पर सवार होकर समुद्र के भीतर बारह योजन तक चले जावे, वहाँ सुंदर नगर बन जावेगा । कृष्ण इसकी सहायता से समुद्र में पहुँच गये थे । वहीं पर कुबेर ने इनके लिए द्वारावती नगरी की रचना की थी । महापुराण 71. 19-28
(2) व्यापारी । ये विलास-वैभव संबंधी वस्तुओं को बेचते थे । महापुराण 16.247