नंदोत्तरा: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
No edit summary |
||
Line 2: | Line 2: | ||
== सिद्धांतकोष से == | == सिद्धांतकोष से == | ||
<ol class="HindiText"> | <ol class="HindiText"> | ||
<li> नंदीश्वरद्वीप की पूर्वदिशा में स्थित एक | <li> नंदीश्वरद्वीप की पूर्वदिशा में स्थित एक वापी ‒देखें [[ लोक#5.11 | लोक - 5.11 ]]।</li> | ||
<li> मानुषोत्तर पर्वत के लोहिताक्षकूट का स्वामी एक सुपर्णकुमार | <li> मानुषोत्तर पर्वत के लोहिताक्षकूट का स्वामी एक सुपर्णकुमार देव ‒देखें [[ लोक#5.10 | लोक - 5.10 ]]।</li> | ||
<li>रुचक पर्वत निवासिनी एक दिक्कुमारी | <li>रुचक पर्वत निवासिनी एक दिक्कुमारी देवी ‒देखें [[ लोक#5.13 | लोक - 5.13]] । </li> | ||
</ol> | </ol> | ||
Line 31: | Line 31: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: न]] | [[Category: न]] | ||
[[Category: करणानुयोग]] |
Revision as of 16:12, 4 September 2022
सिद्धांतकोष से
- नंदीश्वरद्वीप की पूर्वदिशा में स्थित एक वापी ‒देखें लोक - 5.11 ।
- मानुषोत्तर पर्वत के लोहिताक्षकूट का स्वामी एक सुपर्णकुमार देव ‒देखें लोक - 5.10 ।
- रुचक पर्वत निवासिनी एक दिक्कुमारी देवी ‒देखें लोक - 5.13 ।
पुराणकोष से
(1) समवसरण के अशोकवन की एक वापी । हरिवंशपुराण 57.32
(2) रुचकगिरि के स्वस्तिकनंदनकूट की निवासिनी देवी । हरिवंशपुराण 5.706
(3) नंदीश्वर द्वीप की एक वापी । महापुराण 16.214
(4) समवसरण में निर्मित मानस्तंभ के निकट विद्यमान एक वापी । महापुराण 22.110