पाद: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
Jagrti jain (talk | contribs) mNo edit summary |
||
Line 29: | Line 29: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: प]] | [[Category: प]] | ||
[[Category: करणानुयोग]] |
Revision as of 15:51, 14 October 2022
सिद्धांतकोष से
- क्षेत्र का प्रमाण विशेष - देखें गणित - I.3;
- 1/4 (प्रत्येक शताब्दी में चार पाद होते हैं। प्रत्येक पाद 25 वर्ष का माना जाता है।);
- वर्गमूल का अपरनाम - देखें गणित - II.1.7।
पुराणकोष से
(1) छ: अंगुल प्रमाण विस्तार । हरिवंशपुराण 7.45
(2) तालगत गांधर्व का एक प्रकार । हरिवंशपुराण 19.151