मंदरार्य: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
| | ||
== सिद्धांतकोष से == | == सिद्धांतकोष से ==<br> | ||
पुन्नाट संघ की गुर्वावली के अनुसार आप अर्हद्बलि के शिष्य तथा मित्रवीर के गुरु थे। समय वी. नि. 580 (ई. 53)–देखें [[ इतिहास#7.8 | इतिहास - 7.8]]। | |||
<p class="HindiText">पुन्नाट संघ की गुर्वावली के अनुसार आप अर्हद्बलि के शिष्य तथा मित्रवीर के गुरु थे। समय वी. नि. 580 (ई. 53)–देखें [[ इतिहास#7.8 | इतिहास - 7.8]]।</p> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 24: | Line 25: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: म]] | [[Category: म]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] | |||
[[Category: इतिहास]] |
Revision as of 15:41, 26 October 2022
== सिद्धांतकोष से ==
पुन्नाट संघ की गुर्वावली के अनुसार आप अर्हद्बलि के शिष्य तथा मित्रवीर के गुरु थे। समय वी. नि. 580 (ई. 53)–देखें इतिहास - 7.8।
पुराणकोष से
लोहाचार्य के पश्चात् हुए आचार्यों में एक आचार्य । अर्हत् बलि इनके पूर्ववर्ती आचार्य थे । हरिवंशपुराण 66.26