सुखोदयक्रिया: Difference between revisions
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Revision as of 15:46, 23 March 2023
गर्भान्वय की त्रेपन क्रियाओं में इंद्र-पद की प्राप्ति कराने वाली छत्तीसवीं क्रिया । इस क्रिया से पुण्यात्मा श्रावक इंद्र के योग्य सुख भोगते हुए देवलोक में रहता है । महापुराण 38.60, 200-201