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Revision as of 12:41, 13 July 2023
(1) व्यंतर देवों का तेरहवाँ इंद्र । वीरवर्द्धमान चरित्र 14.61
(2) एक व्यंतर देव । यह इस योनि से निकलकर पुष्पभूति हुआ था । महापुराण 63. 278-279, पद्मपुराण 5.123-124
(3) सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25.184