कथाकोश: Difference between revisions
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Revision as of 14:30, 24 December 2013
- आ. हरिषेण (ई:९३१) कृत ‘बृहद् कथा कोश’ नाम का मूल संस्कृत ग्रन्थ है। इसमें विभिन्न १५७ कथाएँ निबद्ध हैं।
- आ. प्रभा-चन्द्र (ई.९५०-१०२०) की भी ‘गद्य कथाकोश’ नाम की ऐसी ही एक रचना है।
- आ. क्षेमन्धर (ई. १०००) द्वारा संस्कृत छन्दों में रची ‘बृहद् कथामञ्जरी’ भी एक है।
- आ. सोमदेव (ई. १०६१-१०८१) कृत ‘बृहत्कथासरित्सागर’ है।
- आ. ब्रह्मदेव (ई.श.१९ मध्य) ने एक ‘कथा कोश’ रचा था।
- आ. श्रुतसागर ( ई. १४८७-१४९९) कृत दो कथा कोश प्राप्त हैं – व्रतकथाकोश और बृहद् कथा कोश।
- नं. १ वाले कथा कोश के आधार पर ब्र. नेमिदत्त (ई.१५१८) ने ‘आराधना कथा कोश’ की रचना की थी। इसमें १४४ कथाएँ निबद्ध हैं।
- आ. देवेन्द्रकीर्ति (ई. १५८३-१६०५) कृत कथाकोष।
- अपभ्रंश कवि मुनि श्रीचन्द (ई. श. ११ उत्तरार्ध) कृत ५३ कथाओं वाला कथाकोष। (ती. ४/१३५)।