कुंड: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p class="HindiText">प्रत्येक क्षेत्र में दो दो कुण्ड हैं जिनमें कि पर्वत से निकलकर नदियाँ पहले उन कुण्डों में गिरती हैं। पीछे उन कुण्डों में से निकलकर क्षेत्रों में बहती हैं। प्रत्येक कुण्ड में एक एक द्वीप है।– देखें - [[ लोक#3.10 | लोक / ३ / १० ]]</p> | |||
[[कुंजरावर्त | Previous Page]] | |||
[[कुंडलक कूट | Next Page]] | |||
[[Category:क]] | |||
Revision as of 21:18, 24 December 2013
प्रत्येक क्षेत्र में दो दो कुण्ड हैं जिनमें कि पर्वत से निकलकर नदियाँ पहले उन कुण्डों में गिरती हैं। पीछे उन कुण्डों में से निकलकर क्षेत्रों में बहती हैं। प्रत्येक कुण्ड में एक एक द्वीप है।– देखें - लोक / ३ / १०