पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 110: Difference between revisions
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<p>मणपरिणामविराहिदा जीवा एगेंदिया भणिया ॥120॥</p> | <p>मणपरिणामविराहिदा जीवा एगेंदिया भणिया ॥120॥</p> | ||
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Revision as of 11:38, 20 August 2021
एदे जीवणिकाया पंचविहा पुढविकाइयादीया । (110)
मणपरिणामविराहिदा जीवा एगेंदिया भणिया ॥120॥