पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 20: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class=" | <div class="PrakritGatha"> | ||
<p>णाणावरणादीया भावा जीवेण सुट्ठु अणुबद्धा । ।</p> | <p>णाणावरणादीया भावा जीवेण सुट्ठु अणुबद्धा । ।</p> | ||
<p>तेसिमभावं किच्चा अभूदपुव्वो हवदि सिद्धो ॥20॥</p> | <p>तेसिमभावं किच्चा अभूदपुव्वो हवदि सिद्धो ॥20॥</p> | ||
</div> | </div> |
Revision as of 11:38, 20 August 2021
णाणावरणादीया भावा जीवेण सुट्ठु अणुबद्धा । ।
तेसिमभावं किच्चा अभूदपुव्वो हवदि सिद्धो ॥20॥