पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 75: Difference between revisions
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<p>बादरसुहुमगदाणं खंदाणं पोग्गलोत्ति ववहारो । (75)</p> | <p>बादरसुहुमगदाणं खंदाणं पोग्गलोत्ति ववहारो । (75)</p> | ||
<p>ते होंति छप्पयारा तेलोक्कं जेहिं णिप्पण्णं ॥82॥</p> | <p>ते होंति छप्पयारा तेलोक्कं जेहिं णिप्पण्णं ॥82॥</p> | ||
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Revision as of 11:38, 20 August 2021
बादरसुहुमगदाणं खंदाणं पोग्गलोत्ति ववहारो । (75)
ते होंति छप्पयारा तेलोक्कं जेहिं णिप्पण्णं ॥82॥