पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 162: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class=" | <div class="G_PrakritGatha"> | ||
<p>दंसणणाणचरित्ताणि मोक्खमग्गोत्ति सेविदव्वाणि । (162)</p> | <p>दंसणणाणचरित्ताणि मोक्खमग्गोत्ति सेविदव्वाणि । (162)</p> | ||
<p>साधूहिं इदं भणिदं तेहिं दु बंधो वा मोक्खो वा ॥172॥</p> | <p>साधूहिं इदं भणिदं तेहिं दु बंधो वा मोक्खो वा ॥172॥</p> | ||
</div> | </div> |
Latest revision as of 10:55, 21 August 2021
दंसणणाणचरित्ताणि मोक्खमग्गोत्ति सेविदव्वाणि । (162)
साधूहिं इदं भणिदं तेहिं दु बंधो वा मोक्खो वा ॥172॥