क्लेश: Difference between revisions
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स.सि./७/११/३४९/१० <span class="SanskritText">असद्वेद्योदयापादितक्लेशा: क्लिश्यमाना:।</span>=<span class="HindiText">असातावेदनीय के उदय से जो दुःखी हैं वे क्लिश्यमान कहलाते हैं।</span> रा.वा./७/११/७/५३८/२७ <span class="SanskritText">असद्वेद्योदयापादितशारीरमानसदु:खसन्तापात् क्लिश्यन्त इति क्लिश्यमाना:।</span>=<span class="HindiText">असातावेदनीय कर्म के उदय से जो शरीर और मानस, दुःख से संतापित हैं वे क्लिश्यमान कहलाते हैं।</span> | |||
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Revision as of 22:15, 24 December 2013
स.सि./७/११/३४९/१० असद्वेद्योदयापादितक्लेशा: क्लिश्यमाना:।=असातावेदनीय के उदय से जो दुःखी हैं वे क्लिश्यमान कहलाते हैं। रा.वा./७/११/७/५३८/२७ असद्वेद्योदयापादितशारीरमानसदु:खसन्तापात् क्लिश्यन्त इति क्लिश्यमाना:।=असातावेदनीय कर्म के उदय से जो शरीर और मानस, दुःख से संतापित हैं वे क्लिश्यमान कहलाते हैं।