क्रमभाव: Difference between revisions
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<span class="HindiText"> देखें [[ अविनाभाव ]]। | <span class="GRef">परीक्षामुख परिच्छेद 3/16</span> <p class="SanskritText">सहक्रमभावनियमोऽविनाभावः। </p> | ||
<p class="HindiText">= अविनाभाव संबंध दो प्रकार का है - एक सहभाव, दूसरा '''क्रमभाव'''।</p> | |||
<p class="HindiText"><b>3</b>. सहभाव व क्रमभाव अविनानाभाव के लक्षण</p> | |||
<span class="GRef">परीक्षामुख परिच्छेद 3/17-18</span> <p class="SanskritText">सहचारीणोर्व्याप्यव्यापकभावयोश्व सहभावः ॥17॥ पूर्वोत्तरचारणोः कार्यकारणयोश्च कर्मभावः ॥18॥</p> | |||
<p class="HindiText">= साथ रहनेवाले में तथा व्याप्य और व्यापक पदार्थों में सहभाव नियम नाम का अविनाभाव होता है। जैसे द्रव्य व गुण में ॥17॥ पूर्वचर व उत्तरचरों में तथा कार्यकारणों में '''क्रमभावी''' नियम होता है। जैसे - मेघ व वर्षा में ॥18॥</p> | |||
<span class="HindiText"> देखें [[ अविनाभाव ]]।</span> | |||
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Revision as of 10:05, 10 April 2023
परीक्षामुख परिच्छेद 3/16
सहक्रमभावनियमोऽविनाभावः।
= अविनाभाव संबंध दो प्रकार का है - एक सहभाव, दूसरा क्रमभाव।
3. सहभाव व क्रमभाव अविनानाभाव के लक्षण
परीक्षामुख परिच्छेद 3/17-18
सहचारीणोर्व्याप्यव्यापकभावयोश्व सहभावः ॥17॥ पूर्वोत्तरचारणोः कार्यकारणयोश्च कर्मभावः ॥18॥
= साथ रहनेवाले में तथा व्याप्य और व्यापक पदार्थों में सहभाव नियम नाम का अविनाभाव होता है। जैसे द्रव्य व गुण में ॥17॥ पूर्वचर व उत्तरचरों में तथा कार्यकारणों में क्रमभावी नियम होता है। जैसे - मेघ व वर्षा में ॥18॥
देखें अविनाभाव ।