काष्ठकर्म: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<span class="HindiText"> देखें [[ निक्षेप#4 | निक्षेप - 4]]। | <span class="GRef">सर्वार्थसिद्धि/1/5/17/4</span> | ||
<p class="SanskritText">काष्ठपुस्तचित्रकर्माक्षनिक्षेपादिषु सोऽयं इति स्थाप्यमाना स्थापना। </p> | |||
<p class="HindiText">= काष्ठकर्म, पुस्तकर्म, चित्रकर्म और अक्षनिक्षेप आदि में ‘यह वह है’ इस प्रकार स्थापित करने को स्थापना कहते हैं। </p> | |||
<span class="HindiText"> देखें [[ निक्षेप#4 | निक्षेप - 4]]।</span> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 8: | Line 12: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: क]] | [[Category: क]] | ||
[[Category: द्रव्यानुयोग]] |
Latest revision as of 14:14, 14 March 2023
सर्वार्थसिद्धि/1/5/17/4
काष्ठपुस्तचित्रकर्माक्षनिक्षेपादिषु सोऽयं इति स्थाप्यमाना स्थापना।
= काष्ठकर्म, पुस्तकर्म, चित्रकर्म और अक्षनिक्षेप आदि में ‘यह वह है’ इस प्रकार स्थापित करने को स्थापना कहते हैं।
देखें निक्षेप - 4।