चित्र: Difference between revisions
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व्या.वि./वृ./१/८/१४८/९ <span class="SanskritText">चिदिति चिच्छक्तिरनुभव इत्यर्थ:। सैव त्राणं त्रा परिरक्षणं यस्य तच्चित्रम् ।...अनुभवप्रसिद्धं खलु अनुभवपरिरक्षितं भवति। </span>=<span class="HindiText">चित्शक्ति या अनुभव का नाम चित् है। वह चित् ही जिसका त्राण या रक्षण है, उसे चित्र कहते हैं। अनुभव प्रसिद्ध होना ही अनुभव परिरक्षित होना है। </span> | |||
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Revision as of 15:15, 25 December 2013
व्या.वि./वृ./१/८/१४८/९ चिदिति चिच्छक्तिरनुभव इत्यर्थ:। सैव त्राणं त्रा परिरक्षणं यस्य तच्चित्रम् ।...अनुभवप्रसिद्धं खलु अनुभवपरिरक्षितं भवति। =चित्शक्ति या अनुभव का नाम चित् है। वह चित् ही जिसका त्राण या रक्षण है, उसे चित्र कहते हैं। अनुभव प्रसिद्ध होना ही अनुभव परिरक्षित होना है।