दुग्धरसी व्रत: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 8: | Line 8: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: द]] | [[Category: द]] | ||
[[Category: | [[Category: चरणानुयोग]] |
Latest revision as of 19:51, 12 October 2022
व्रत विधान सं./102 भाद्रपद शुक्ला 12 को केवल दूध का आहार ले। सारा समय धर्मध्यान में व्यतीत करे। इस प्रकार 12 वर्ष पर्यंत करे। जाप्य–नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप्य।