आत्मांजन: Difference between revisions
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<p class="HindiText"> 1. पूर्व विदेहका एक वक्षार, उसका एक कूट व उसका रक्षक देव। - देखें [[ द्वीप_पर्वतों_आदि_के_नाम_रस_आदि#5.3.3 | लोक - 5.3]],।</p> | |||
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Revision as of 10:30, 6 January 2023
सिद्धांतकोष से
1. पूर्व विदेहका एक वक्षार, उसका एक कूट व उसका रक्षक देव। - देखें लोक - 5.3,।
पुराणकोष से
पूर्व विदेह के चार वक्षारगिरियों मे (त्रिकूट, वैश्रवण, अंजन और आत्मांजन) एक वक्षारगिरि । हरिवंशपुराण 5.229