अभिधान: Difference between revisions
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<span class="GRef">द्रव्यसंग्रह / मूल या टीका गाथा 1/7/5</span><span class="SanskritText"> यदेव व्याख्येयसूत्रमुक्तं तदेवाभिधानं वाचकं प्रतिपादकं भण्यते।</span> | |||
< | <span class="HindiText">= जो व्याख्यान किये जाने योग्य सूत्र कहे गये हैं, वही अभिधान अर्थात् वाचक या प्रतिपादक कहलाते हैं।</span> | ||
Latest revision as of 15:15, 31 August 2022
द्रव्यसंग्रह / मूल या टीका गाथा 1/7/5 यदेव व्याख्येयसूत्रमुक्तं तदेवाभिधानं वाचकं प्रतिपादकं भण्यते। = जो व्याख्यान किये जाने योग्य सूत्र कहे गये हैं, वही अभिधान अर्थात् वाचक या प्रतिपादक कहलाते हैं।