अभूतोद्भावन: Difference between revisions
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<p>देखें [[ असत्य ]]।</p> | <p class="SanskritText">भगवती आराधना / मूल या टीका गाथा 826 जं असभूदुब्भाव्रणभेदं विदियं असंतवयणं तु। अत्थि सुराणमकाले मुच्चति जहेवमादियं ॥826॥</p> | ||
<p class="HindiText">= जो नहीं है उसका है कहना यह असत्य वचन का दूसरा भेद है, जैसे देवों की अकाल मृत्यु नहीं है, फिर भी देवों की अकाल मृत्यु बताना इत्यादि।</p> | |||
अन्य परिभाषा के लिए <p>देखें [[ असत्य ]]।</p> | |||
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Revision as of 14:43, 28 October 2022
भगवती आराधना / मूल या टीका गाथा 826 जं असभूदुब्भाव्रणभेदं विदियं असंतवयणं तु। अत्थि सुराणमकाले मुच्चति जहेवमादियं ॥826॥
= जो नहीं है उसका है कहना यह असत्य वचन का दूसरा भेद है, जैसे देवों की अकाल मृत्यु नहीं है, फिर भी देवों की अकाल मृत्यु बताना इत्यादि।
अन्य परिभाषा के लिए
देखें असत्य ।