अभ्यंतर कारण: Difference between revisions
From जैनकोष
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जो स्वयं कार्यरूप परिणमित होता है, उसे अभ्यंतर कारण अथवा उपादान कारण कहते हैं। | |||
<p>देखें [[ कारण#II | कारण - II]]।</p> | <p>देखें [[ कारण#II | कारण - II]]।</p> | ||
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[[Category: | [[Category: द्रव्यानुयोग]] |