आचाम्ल वर्द्धन: Difference between revisions
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Revision as of 16:25, 5 January 2023
प्रारंभ करने के दिन से पहिले दिन एकलठाना (केवल एक बार परोसे हुए भोजन को संतोष पूर्वक खाना), अगले दिन एक उपवास करे। पश्चात् एक ग्रास वृद्धि क्रम से एक से लेकर 10 ग्रास पर्यंत दस दिन तक भात व इमली का भोजन करे। पुन: उससे अगले दिन से एक हानि क्रम से दसवें दिन 1 ग्रास ग्रहण करे। अंतिम दोपहर पश्चात् उपरोक्तवत् एकलठाना करे, यही सौवीरभुक्ति व्रत है। चारित्रसार में इसी को आचाम्लवर्धन के नाम से कहा है।