प्रश्नकुशल साधु: Difference between revisions
From जैनकोष
mNo edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p><span class="GRef"> भगवती आराधना / विजयोदया टीका/403/592/10 </span><span class="SanskritText">प्रश्नकुशलतोच्यते चैत्यसंयतानार्यिकाः श्रावकांश्च, बालमध्यमवृद्धांश्च पृष्ट्वा कृत- गवेषणो याति इति प्रश्नकुशलः ।</span> = <span class="HindiText">चैत्य, मुनि, आर्यिका, | <p><span class="GRef"> भगवती आराधना / विजयोदया टीका/403/592/10 </span><span class="SanskritText">प्रश्नकुशलतोच्यते चैत्यसंयतानार्यिकाः श्रावकांश्च, बालमध्यमवृद्धांश्च पृष्ट्वा कृत- गवेषणो याति इति प्रश्नकुशलः ।</span> = <span class="HindiText">चैत्य, मुनि, आर्यिका, श्रावक, बाल, मध्यम और वृद्धों को पूछकर निर्यापकाचार्य गवेषण करता है, वह '''प्रश्नकुशल साधु''' कहलाता है ।</span></p> | ||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 10:54, 4 September 2022
भगवती आराधना / विजयोदया टीका/403/592/10 प्रश्नकुशलतोच्यते चैत्यसंयतानार्यिकाः श्रावकांश्च, बालमध्यमवृद्धांश्च पृष्ट्वा कृत- गवेषणो याति इति प्रश्नकुशलः । = चैत्य, मुनि, आर्यिका, श्रावक, बाल, मध्यम और वृद्धों को पूछकर निर्यापकाचार्य गवेषण करता है, वह प्रश्नकुशल साधु कहलाता है ।