ऋषि पंचमी व्रत: Difference between revisions
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''जाप्यमंत्र'' = नमस्कार | ''जाप्यमंत्र'' = नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप्य करे। | ||
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Revision as of 15:47, 5 September 2022
(व्रतविधान संग्रह 106) -
कुल समय = 5 वर्ष 5 मास;
उपवास संख्या = 65;
विधि = आषाढ़ शुक्ल 5 से प्रारंभ करके प्रति मास की दो-दो पंचमियों को उपवास करे;
जाप्यमंत्र = नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप्य करे।