जीव तत्त्व प्रदीपिका: Difference between revisions
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<li> आ.नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती (ई.९८१) कृत गोमट्टसार पर ब्रह्मचारी केशव वर्णी (ई.१३५९) कर्णाटक वृत्ति। </li> | |||
<li> अभयचन्द्र कृत मन्द प्रबोधिनी के आधार पर ज्ञानभूषण के शिष्य नेमिचन्द द्वारा ई०१५१५ में रचित संस्कृत की गोमट्टसार टीका। इस पर से पं०टोडरमल जी ने सम्यग्ज्ञान चन्द्रिका टीका रची। (जै.१/४७०,४७७), </li> | |||
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Revision as of 15:16, 25 December 2013
- आ.नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती (ई.९८१) कृत गोमट्टसार पर ब्रह्मचारी केशव वर्णी (ई.१३५९) कर्णाटक वृत्ति।
- अभयचन्द्र कृत मन्द प्रबोधिनी के आधार पर ज्ञानभूषण के शिष्य नेमिचन्द द्वारा ई०१५१५ में रचित संस्कृत की गोमट्टसार टीका। इस पर से पं०टोडरमल जी ने सम्यग्ज्ञान चन्द्रिका टीका रची। (जै.१/४७०,४७७),