ज्ञात: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
(रा.वा./६/६/३/५१२/१)<span class="SanskritText"> हिनस्मि इत्यसति परिणामे प्राणव्यपरोपणे ज्ञातमात्रं मया व्यापादित इति ज्ञातम् । अथवा ‘अयं प्राणी हन्तव्य:’ इति ज्ञात्वा प्रवृत्ते: ज्ञातमित्युच्यते।</span>=<span class="HindiText">मारने के परिणाम न होने पर भी हिंसा हो जाने पर ‘मैंने मारा’ यह जान लेना ज्ञात है। अथवा, ‘इस प्राणी को मारना चाहिए’ ऐसा जानकर प्रवृत्ति करना ज्ञात है। </span> | |||
[[ज्ञप्ति | Previous Page]] | |||
[[ज्ञातृ कथांग | Next Page]] | |||
[[Category:ज्ञ]] | |||
Revision as of 15:16, 25 December 2013
(रा.वा./६/६/३/५१२/१) हिनस्मि इत्यसति परिणामे प्राणव्यपरोपणे ज्ञातमात्रं मया व्यापादित इति ज्ञातम् । अथवा ‘अयं प्राणी हन्तव्य:’ इति ज्ञात्वा प्रवृत्ते: ज्ञातमित्युच्यते।=मारने के परिणाम न होने पर भी हिंसा हो जाने पर ‘मैंने मारा’ यह जान लेना ज्ञात है। अथवा, ‘इस प्राणी को मारना चाहिए’ ऐसा जानकर प्रवृत्ति करना ज्ञात है।