प्रादोषिक काल: Difference between revisions
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<span class="GRef">मूलाचार./270 का भावार्थ</span> <span class="HindiText"> - जिसमें रात का भाग है वह '''प्रदोष काल''' है, अर्थात् रात के पूर्वभाग के समीप, और दिन का पश्चिम भाग - इन सुबह शाम दोनों कालों में प्रदोष काल जानना ।</span> | <span class="GRef">मूलाचार./270 का भावार्थ</span> <span class="HindiText"> - जिसमें रात का भाग है वह '''प्रदोष काल''' है, अर्थात् रात के पूर्वभाग के समीप, और दिन का पश्चिम भाग - इन सुबह-शाम दोनों कालों में प्रदोष काल जानना ।</span> | ||
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Revision as of 20:35, 4 September 2022
मूलाचार./270 का भावार्थ - जिसमें रात का भाग है वह प्रदोष काल है, अर्थात् रात के पूर्वभाग के समीप, और दिन का पश्चिम भाग - इन सुबह-शाम दोनों कालों में प्रदोष काल जानना ।