पन्नालाल: Difference between revisions
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<p>आप संघी गोत्री एक पंडित थे। पं. | <p>आप संघी गोत्री एक पंडित थे। पं.सदासुखदास जी के आप शिष्य थे। रत्नचंद्र जी वैद्य दूनी वाले के पुत्र थे। कृतियाँ - </p> | ||
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<li>राजवार्तिक की | <li>राजवार्तिक की भाषा वचनिका; </li> | ||
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<li>27000 | <li>27000 श्लोक प्रमाण विद्वद्जन बोधक; </li> | ||
<li>सरस्वती पूजा आदि। पं. | <li>सरस्वती पूजा आदि। पं. सदासुखदास जी (ई. 1795-1867) के अनुसार आप का समय - ई. 1770-1840 आता है। (अर्थ प्रकाशिका/प्र. 5/पं. पन्नालाल); (<span class="GRef"> रत्नकरंड श्रावकाचार/ </span>प्र. 24/पं. परमानंद)। </li> | ||
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Revision as of 15:27, 24 October 2022
आप संघी गोत्री एक पंडित थे। पं.सदासुखदास जी के आप शिष्य थे। रत्नचंद्र जी वैद्य दूनी वाले के पुत्र थे। कृतियाँ -
- राजवार्तिक की भाषा वचनिका;
- उत्तरपुराण की भाषा वचनिका;
- 27000 श्लोक प्रमाण विद्वद्जन बोधक;
- सरस्वती पूजा आदि। पं. सदासुखदास जी (ई. 1795-1867) के अनुसार आप का समय - ई. 1770-1840 आता है। (अर्थ प्रकाशिका/प्र. 5/पं. पन्नालाल); ( रत्नकरंड श्रावकाचार/ प्र. 24/पं. परमानंद)।