भाव त्रिभंगी: Difference between revisions
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श्रुतमुनि (वि.श.14 उत्तरार्ध) कृत, जीव के औपशमिकादि भावों का प्रतिपादक, 116 प्राकृत गाथाओं का संकलन ( | श्रुतमुनि (वि.श.14 उत्तरार्ध) कृत, जीव के औपशमिकादि भावों का प्रतिपादक, 116 प्राकृत गाथाओं का संकलन (जैन साहित्य इतिहास/1/442)। | ||
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श्रुतमुनि (वि.श.14 उत्तरार्ध) कृत, जीव के औपशमिकादि भावों का प्रतिपादक, 116 प्राकृत गाथाओं का संकलन (जैन साहित्य इतिहास/1/442)।