गंधर्वसेन: Difference between revisions
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<li> शकवंशी राजा गर्दभिल्ल का अपर नाम। मालवा (मगध) देश में गंधर्व के स्थान पर श्वेतांबर मान्यता के अनुसार गर्दभिल्ल का नाम आता है। अथवा गर्दभी विद्या जानने के कारण यह राजा गर्दभिल्ल के नाम से प्रसिद्ध हो गया था। समय–वी.नि. 345-445 (ई.पू.182-82)।–देखें [[ इतिहास#3.4 | इतिहास - 3.4]]। </li> | <li> शकवंशी राजा गर्दभिल्ल का अपर नाम। मालवा (मगध) देश में गंधर्व के स्थान पर श्वेतांबर मान्यता के अनुसार गर्दभिल्ल का नाम आता है। अथवा गर्दभी विद्या जानने के कारण यह राजा गर्दभिल्ल के नाम से प्रसिद्ध हो गया था। समय–वी.नि. 345-445 (ई.पू.182-82)।–देखें [[ इतिहास#3.4 | इतिहास - 3.4]]। </li> | ||
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Revision as of 19:21, 17 April 2023
- हिंदू धर्म के भविष्य पुराण के अनुसार राजा विक्रमादित्य के पिता का नाम गंधर्वसेन था। ( तिलोयपण्णत्ति/ प्रस्तावना 14 H. L. Jain)
- शकवंशी राजा गर्दभिल्ल का अपर नाम। मालवा (मगध) देश में गंधर्व के स्थान पर श्वेतांबर मान्यता के अनुसार गर्दभिल्ल का नाम आता है। अथवा गर्दभी विद्या जानने के कारण यह राजा गर्दभिल्ल के नाम से प्रसिद्ध हो गया था। समय–वी.नि. 345-445 (ई.पू.182-82)।–देखें इतिहास - 3.4।