दामनंदि: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p class="HindiText">नन्दि संघ के देशीयगण–गुणनन्दि शाखा के अनुसार आप सर्वचन्द्र के शिष्य और वीरनन्दि के गुरु थे। समय–वि.१०००-१०३० ई०९४३-९७३। २. इसी संघ की नयकीर्ति शाखा के अनुसार आप रविचन्द्र के शिष्य व श्रीधरदेव के गुरु थे।– देखें - [[ इतिहास#7.5 | इतिहास / ७ / ५ ]]-१</p> | |||
[[दानांतराय कर्म | Previous Page]] | |||
[[दायक | Next Page]] | |||
[[Category:द]] | |||
Revision as of 16:15, 25 December 2013
नन्दि संघ के देशीयगण–गुणनन्दि शाखा के अनुसार आप सर्वचन्द्र के शिष्य और वीरनन्दि के गुरु थे। समय–वि.१०००-१०३० ई०९४३-९७३। २. इसी संघ की नयकीर्ति शाखा के अनुसार आप रविचन्द्र के शिष्य व श्रीधरदेव के गुरु थे।– देखें - इतिहास / ७ / ५ -१