देवचंद्र: Difference between revisions
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<li> नन्दिसंघ देशीयगण के अनुसार आप माघनन्दि कोल्हापुरीय के शिष्य, एक कुशल तान्त्रिक थे। समय–वि.११९०-१२२०(ई.११३३-११६३)।– देखें - [[ इतिहास#7.5 | इतिहास / ७ / ५ ]]। </li> | |||
<li> पासणाह चरित्र के रचयिता एक गृहत्यागी। गुरु परम्परा–श्रुतकीर्ति, देवकीर्ति, मौनीदेव, माधवचन्द्र, अभयनन्दि, वासवचन्द्र। समय–वि.श.१२ का मध्य (ती./४/१८०)। </li> | |||
<li> राजवलि कथे (कन्नड़ ग्रन्थ) के रचयिता। समय–वि.१८९६ (ई०१८३९)। (भ.आ./प्र.४/प्रेमी जी)। </li> | |||
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Revision as of 16:15, 25 December 2013
- नन्दिसंघ देशीयगण के अनुसार आप माघनन्दि कोल्हापुरीय के शिष्य, एक कुशल तान्त्रिक थे। समय–वि.११९०-१२२०(ई.११३३-११६३)।– देखें - इतिहास / ७ / ५ ।
- पासणाह चरित्र के रचयिता एक गृहत्यागी। गुरु परम्परा–श्रुतकीर्ति, देवकीर्ति, मौनीदेव, माधवचन्द्र, अभयनन्दि, वासवचन्द्र। समय–वि.श.१२ का मध्य (ती./४/१८०)।
- राजवलि कथे (कन्नड़ ग्रन्थ) के रचयिता। समय–वि.१८९६ (ई०१८३९)। (भ.आ./प्र.४/प्रेमी जी)।