श्रुतिगम्य: Difference between revisions
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<span class="GRef"> राजवार्तिक/4/42/15/258/27 </span><span class="SanskritText">अनपेक्षितवृत्तिनिमित्त: श्रुति-मात्र-प्राषित: श्रुतिगम्य:।</span> = <span class="HindiText">अनपेक्षित रूप से प्रवृत्ति में कारण व श्रुतिमात्र से बोधित श्रुतिगम्य है।</span> | |||
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Latest revision as of 13:56, 3 December 2022
राजवार्तिक/4/42/15/258/27 अनपेक्षितवृत्तिनिमित्त: श्रुति-मात्र-प्राषित: श्रुतिगम्य:। = अनपेक्षित रूप से प्रवृत्ति में कारण व श्रुतिमात्र से बोधित श्रुतिगम्य है।