सर्वार्थसिद्धि शास्त्र: Difference between revisions
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<span class="HindiText">आ.पूज्यपाद (ई.श./5) द्वारा विरचित तत्त्वार्थ सूत्र की विशद वृत्ति है। संस्कृतभाषा में लिखा गया है। इस पर निम्न टीकाएँ उपलब्ध हैं -(1) आ.अकलंकभट्ट (ई.620-680) कृत तत्त्वार्थ राजवार्तिक (2) आ.प्रभाचंद्र नं.5 (ई.950-1020) कृत एक वृत्ति। (3) पं.जयचंद छाबड़ा (ई.1809) कृत भाषा वचनिका। (जै./2/280)।</span> | <span class="HindiText">आ.पूज्यपाद (ई.श./5) द्वारा विरचित तत्त्वार्थ सूत्र की विशद वृत्ति है। संस्कृतभाषा में लिखा गया है। इस पर निम्न टीकाएँ उपलब्ध हैं -(1) आ.अकलंकभट्ट (ई.620-680) कृत तत्त्वार्थ राजवार्तिक (2) आ.प्रभाचंद्र नं.5 (ई.950-1020) कृत एक वृत्ति। (3) पं.जयचंद छाबड़ा (ई.1809) कृत भाषा वचनिका। (<span class="GRef">जै./2/280 </span>)।</span> | ||
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Revision as of 14:10, 3 November 2022
आ.पूज्यपाद (ई.श./5) द्वारा विरचित तत्त्वार्थ सूत्र की विशद वृत्ति है। संस्कृतभाषा में लिखा गया है। इस पर निम्न टीकाएँ उपलब्ध हैं -(1) आ.अकलंकभट्ट (ई.620-680) कृत तत्त्वार्थ राजवार्तिक (2) आ.प्रभाचंद्र नं.5 (ई.950-1020) कृत एक वृत्ति। (3) पं.जयचंद छाबड़ा (ई.1809) कृत भाषा वचनिका। (जै./2/280 )।