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| <p> <span class="GRef"> सर्वार्थसिद्धि/5/4/271/2 </span><span class="SanskritText">न विद्यते रूपमेषामित्यरूपाणि, रूपप्रतिषेधे तत्सहचारिणां रसादीनामपि प्रतिषेधः । तेन अरूपाण्यमूर्तानीत्यर्थः । </span> =इन धर्मादि द्रव्यों में रूप नहीं पाया जाता, इसलिए अरूपी हैं। यहाँ केवल रूप का निषेध किया है, किंतु रसादिक उसके सहचारी हैं। अतः उनका भी निषेध हो जाता है। इससे अरूपी का अर्थ अमूर्त है। <span class="GRef">(राजवार्तिक/5/4/8/444/1) </span> <p>
| | रूप आदि गुण रहित द्रव्यों के भाव को अरूपत्व कहते हैं। |
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| <p class="HindiText"> अन्य परिभाषाओं और अधिक जानकारी के लिए देखें [[ मूर्त ]]।</p> | | <p class="HindiText"> अधिक जानकारी के लिए देखें [[ अरूपी ]]।</p> |
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Revision as of 16:57, 28 October 2022