पार्श्वपुराण: Difference between revisions
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<li>पदा कीर्ति (ई. 942) कृत संस्कृत काव्य जिसमें 9 अधिकार हैं। यह 1600 श्लोक प्रमाण है। कविवर भूधरदास जी ( | <li>पदा कीर्ति (ई. 942) कृत संस्कृत काव्य जिसमें 9 अधिकार हैं। यह 1600 श्लोक प्रमाण है। कविवर भूधरदास जी (विक्रम 1789) ने इसका भाषानुवाद किया है। </li> | ||
<li>वादि राज (ई.1025) कृत ‘पार्श्वनाथ चरित्र’ नामक संस्कृत काव्य। (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा /3/92)। </li> | <li>वादि राज (ई.1025) कृत ‘पार्श्वनाथ चरित्र’ नामक संस्कृत काव्य। (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा /3/92)। </li> | ||
<li>पद्मकीर्ति (ई. 1077) कृत अपभ्रंश काव्य। (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/3/205)। </li> | <li>पद्मकीर्ति (ई. 1077) कृत अपभ्रंश काव्य। (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/3/205)। </li> | ||
<li>सकलकीर्ति (ई. 1406-1442) कृत संस्कृत रचना। (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/3/334)। </li> | <li>सकलकीर्ति (ई. 1406-1442) कृत संस्कृत रचना। (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/3/334)। </li> | ||
<li>कवि रइधु (ई. 1439) कृत अपभ्रंश काव्य (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/4/198)। </li> | <li>कवि रइधु (ई. 1439) कृत अपभ्रंश काव्य (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/4/198)। </li> | ||
<li> वादि चंद्र ( | <li> वादि चंद्र (विक्रम 1637-1664) कृत 1580 छंद प्रमाण। (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/4/72)। </li> | ||
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Revision as of 19:41, 31 October 2022
पार्श्वपुराण नाम के कई ग्रंथ लिखे गये हैं।
- पदा कीर्ति (ई. 942) कृत संस्कृत काव्य जिसमें 9 अधिकार हैं। यह 1600 श्लोक प्रमाण है। कविवर भूधरदास जी (विक्रम 1789) ने इसका भाषानुवाद किया है।
- वादि राज (ई.1025) कृत ‘पार्श्वनाथ चरित्र’ नामक संस्कृत काव्य। (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा /3/92)।
- पद्मकीर्ति (ई. 1077) कृत अपभ्रंश काव्य। (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/3/205)।
- सकलकीर्ति (ई. 1406-1442) कृत संस्कृत रचना। (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/3/334)।
- कवि रइधु (ई. 1439) कृत अपभ्रंश काव्य (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/4/198)।
- वादि चंद्र (विक्रम 1637-1664) कृत 1580 छंद प्रमाण। (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/4/72)।