अनंतरथ: Difference between revisions
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<span class="GRef"> पद्मपुराण सर्ग 22/160-169 </span><p class="HindiText"> अनंतरथ राजा अनरण्य के पुत्र तथा दशरथ के बड़ा भाई थे। पिता के साथ-साथ दीक्षा धारण कर अनंत परीषह को जीतने के कारण अनंतवीर्य नाम को प्राप्त हुए।</p> | |||
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<div class="HindiText"> <p> विनीता (अयोध्या) के राजा अनरण्य और उनकी महारानी पृथिवीमती | <div class="HindiText"> <p> अनंतरथ विनीता (अयोध्या) के राजा अनरण्य और उनकी महारानी पृथिवीमती के बड़े पुत्र, और राजा दशरथ के बड़ा भाई थे । वे पिता के साथ दीक्षित हुए और अत्यंत दु:सह बाईस परीषहों से क्षुब्ध न होने से अनंतवीर्य इस संज्ञा से अभिहित हुए । <span class="GRef"> पद्मपुराण 22. 160-169 </span></p> | ||
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Revision as of 15:47, 4 November 2022
सिद्धांतकोष से
पद्मपुराण सर्ग 22/160-169
अनंतरथ राजा अनरण्य के पुत्र तथा दशरथ के बड़ा भाई थे। पिता के साथ-साथ दीक्षा धारण कर अनंत परीषह को जीतने के कारण अनंतवीर्य नाम को प्राप्त हुए।
पुराणकोष से
अनंतरथ विनीता (अयोध्या) के राजा अनरण्य और उनकी महारानी पृथिवीमती के बड़े पुत्र, और राजा दशरथ के बड़ा भाई थे । वे पिता के साथ दीक्षित हुए और अत्यंत दु:सह बाईस परीषहों से क्षुब्ध न होने से अनंतवीर्य इस संज्ञा से अभिहित हुए । पद्मपुराण 22. 160-169